पारा शिक्षकों ने मंगलवार को झामुमो कार्यालय परिसर में धरना दिया, जहां वे समान काम के लिए समान वेतन की मांग कर रहे थे। झारखंड राज्य सहायक प्रशिक्षित सहायक अध्यापक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सिक शेख ने बताया कि संघ सहायक अध्यापकों की सेवानिवृत्ति की उम्र को 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष करने, शिक्षकों को इपीएफ का लाभ प्रदान करने, और शहरी क्षेत्र के स्कूलों में कामरत शिक्षकों के मानदेव में चार फीसदी की बढ़ोतरी करने की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि शिक्षक बरसात में भी धरना पर बैठे रहे थे और सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं ले रही है। वे सहायक अध्यापकों के लिए बनी नियमावली के प्रावधान को भी लागू नहीं किया जा रहा है। इस धरने में विकास चौधरी, सुमन कुमार, नीरज कुमार, मुकेश, अभय सिंह, मिथिलेश पांडेय, उपेंद्र यादव, और अन्य भी शामिल थे।
झामुमो महासचिव का पुतला दहन किया जायेगा।
प्रदेश अध्यक्ष शेख सिद्दीक ने बताया कि झामुमो महासचिव विनोद पांडेय का राज्य भर में पुतला दहन किया जायेगा। संघ ने धरना देनेवाले शिक्षकों के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया है, हालांकि श्री पांडेय ने इसके खिलाफ खड़ी रहकर यह बताया कि उन्होंने शिक्षकों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया था और उनसे मांग पत्र देने को कहा था, लेकिन शिक्षकों ने मांग पत्र नहीं दिया। उन्होंने यह भी बताया कि किसी भी शिक्षक के साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया गया।
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3900 पारा शिक्षक आकलन परीक्षा में शामिल नहीं हो सके।
राज्य में 3900 पारा शिक्षक आकलन परीक्षा में शामिल नहीं हो सके। इसका कारण था कि उनके प्रमाण पत्रों की सत्यापन प्रक्रिया सही ढंग से नहीं हुई थी, जिसके चलते शिक्षक अपने आवेदन जमा नहीं कर सके। आकलन परीक्षा में शामिल होने का मौका उनके बिना ही गुजर गया।
नियमावली के अनुसार, चार आकलन परीक्षाएं आयोजित की जाएंगी, ताकि शिक्षकों को मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए एक अवसर मिल सके। शिक्षकों का कहना है कि वे प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए आवेदन कर चुके थे, लेकिन फिर भी समय पर सत्यापन प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई थी।