झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2023: झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (JSSC) ने हाल ही में संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा (CGL) 2023 के प्रवेश पत्र जारी करने में असमर्थता का सामना कर रहा है, जिसके चलते छात्र एवं शिक्षक आंदोलन कर रहे हैं। इस घड़ी में, छात्रों एवं शिक्षकों ने 15 दिसंबर को आयोजित होने वाले आंदोलन की घोषणा की है।
आंदोलन की सूचना को ध्यान में रखते हुए, छात्र एवं शिक्षक गण इसे बहुत ही अच्छी तरीके से आयोजित करने का निर्णय लिया हैं। आंदोलन में भाग लेने वाले छात्र बुद्धिजीवी शिक्षक के मार्गदर्शन में हैं और इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए सक्रिय रूप से योजना बना रहे हैं।
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झारखंड संयुक्त स्नातक स्तरीय परीक्षा 2023: प्रवेश पत्र जारी नहीं
आगामी 15 दिसंबर को होने वाले आंदोलन में एक और महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है कि कोई भी छात्र नेता जो किसी राजनीतिक महत्वाकांक्षा से जुड़ा हो या कोई विशेष समुदाय के लिए आकांक्षा रखता हो, उसे इस आंदोलन से दूर रहने के लिए कहा गया है। इससे स्पष्ट होता है कि आंदोलन को सिर्फ छात्रों और शिक्षकों के उत्साह और मानव सेवा की भावना को मजबूत करने का ही एक उद्देश्य है।
आज, छात्रों और शिक्षकों द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, रांची को एक ज्ञापन भी सौंपा गया है। इसमें, अहम भूमिका निभाने वाले शिक्षक काजल मंडल ने अपना हस्ताक्षर कर अनुमंडल पदाधिकारी, रांची को एक ज्ञापन सौंपा है।
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परीक्षा के प्रवेश पत्र की अभाव से हुआ आंदोलन
इस घड़ी में, यह आंदोलन एक आम लड़ाई बन गया है, जिसमें छात्र एवं शिक्षक समूह एक समर्थन में मिलकर अपने अधिकारों की रक्षा कर रहे हैं। इसका परिणाम यह है कि आंदोलन को स्थगित करने के लिए एक नया मोड़ आया है और छात्रों की मांग है कि परीक्षा के प्रवेश पत्र को त्वरितता से जारी किया जाए।
छात्रों एवं शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी
आंदोलन के इस चरण में, छात्रों एवं शिक्षकों की सक्रिय भागीदारी ने एक मजबूत संदेश दिया है – यह दिखा गया है कि जन जागरूकता और एकजुटता के माध्यम से लोग अपने हक की रक्षा कर सकते हैं। आंदोलन के इस उदाहरण से आगे भी यह साबित हो रहा है कि छात्र एवं शिक्षक समुदाय सकारात्मक परिवर्तन के लिए एकमत हो सकता है और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए समर्थ है।
सामूहिक एकता से उत्कृष्टता की दिशा
आंदोलन की यह घड़ी साबित कर रही है कि लोग जब एकजुट होते हैं, तो उन्हें कोई भी शक्ति रोक नहीं सकती है और वे अपने अधिकारों की मांग कर सकते हैं। छात्रों एवं शिक्षकों की इस एकता से ही हम देख सकते हैं कि आने वाले समय में इस प्रकार के परीक्षा आयोजनों में सुधार होना चाहिए, ताकि छात्रों को अन्याय से मुक्ति मिल सके और उन्हें निर्णय लेने का सही समय मिल सके।
आज की तारीख में, छात्रों और शिक्षकों का आंदोलन एक महत्वपूर्ण संदेश देता है – हम सभी मिलकर अपने अधिकारों की रक्षा कर सकते हैं और समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।