जैक बोर्ड के छात्रों के लिए खुशखबरी, अब एडमिट कार्ड या मार्कशीट में सुधार के लिए नहीं जाना होगा जैक ऑफिस, यहां देखें पूरी जानकारी

झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने डिजि-लॉकर का निर्माण पूरा कर लिया है। इसे नवंबर से छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन उपलब्ध किया जायेगा, जिसमें 2023 तक की परीक्षा के मार्कशीट और सर्टिफिकेट अपलोड कर दिए गए हैं।

छात्र-छात्रा अपने मूल प्रमाणपत्र और अंक पत्र की खो जाने पर डुप्लिकेट सर्टिफिकेट और मार्कशीट प्राप्त कर सकेंगे। इसमें विद्यार्थियों का माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी एक बोर्ड से दूसरे बोर्ड जाने वाले छात्रों के लिए अपलोड कर दिया गया है। इसकी औपचारिक घोषणा जैक की ओर से की जाएगी।

इसके साथ ही, जैक ने एक ऑनलाइन वेरिफिकेशन सिस्टम को विकसित किया है। इस सिस्टम की घोषणा जैक के स्थापना दिवस पर की गई थी, और इसे पब्लिक डोमेन पर उपलब्ध किया जाएगा। यह सिस्टम किसी भी छात्र-छात्रा के नाम, माता-पिता का नाम, जन्मतिथि और पास करने का वर्ष दर्ज करके जानकारी प्राप्त कर सकता है। इस प्रणाली से सबसे ज्यादा मार्क्सशीट और सर्टिफिकेट की प्रामाणिकता सत्यापन में लाभ होगा। अन्य स्थानों पर परीक्षा के नामांकन से लेकर संस्थान सर्टिफिकेट की सत्यापन को आसानी से किया जा सकेगा। इसके लिए सर्टिफिकेट को भेजने और उसकी सत्यापन रिपोर्ट की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं होगी।

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अब सर्टिफिकेट में सुधार के लिए जैक ऑफिस नहीं जाना होगा

अब सर्टिफिकेट में त्रुटियों की सुधार करने के लिए अभ्यर्थियों को जैक के लिए व्यक्तिगत रूप से जाने की आवश्यकता नहीं होगी, इसका सभी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। जैक ऑनलाइन इस सुधार को करेगा। जब सुधार पूरा हो जाएगा, तो छात्र-छात्रा इसे ऑनलाइन ही प्राप्त कर सकेंगे। इसका भी जैक द्वारा लागू किया जाने का इरादा है। अब वे निर्धारित शुल्क और सर्टिफिकेट के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। ऑनलाइन आवेदन के बाद, संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापक इसे ऑनलाइन फॉरवर्ड करेंगे। जैक एक निश्चित समय सीमा के अंदर इसमें सुधार करके भेजेगा।

जैक के सचिव एसडी तिग्गा ने बताया कि डिजि-लॉकर और माइग्रेशन का काम वर्तमान में जारी है। इसे अगले महीने पूरा करने के बाद शुरू कर दिया जाएगा।

कैसे काम करेगा डिजि-लॉकर

डिजि-लॉकर का उपयोग करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन करें:

  1. छात्र-छात्राओं को सबसे पहले डिजि- लॉकर एप डाउनलोड करना होगा।
  2. डिजि-लॉकर एप में विद्यार्थियों को बोर्ड का चयन करना होगा।
  3. सर्टिफिकेट या मार्क्सशीट, नाम, आधार नंबर, पास करने का वर्ष डालना होगा।
  4. डाटा डालने के बाद डुप्लिकेट प्रमाणपत्र व मार्क्सशीट डाउनलोड कर सकेंगे।
  5. डिजि-लॉकर छात्र-छात्राओं के पर्सनल वॉलेट में चला जाएगा।

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