झारखंड राज्य में शिक्षा क्षेत्र में बड़ी बदलावों की ऊर्जा का संचार है, जिसे दर्शनीयता से देखा जा रहा है। स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने हाल ही में राज्य में 26,001 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की है, जिससे यह राज्य के शिक्षा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसके साथ ही, हाई स्कूलों में 3120 स्नातकोत्तर शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी अंतिम चरण में है, जो एक नए शैक्षिक युग की शुरुआत कर सकती है।
विवरण | संख्या |
---|---|
शिक्षकों की नियुक्ति | 26,001 |
स्नातकोत्तर शिक्षकों की नियुक्ति | 3120 |
राज्य में 26,001 शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू
नियुक्ति प्रक्रिया पूरी होने के बाद, इन 26,001 शिक्षकों के साथ राज्य में शिक्षा का स्तर और भी मजबूत होने की उम्मीद है। प्राथमिक और मध्य विद्यालयों के सहायक आचार्यों की नियुक्ति में 2016 में शिक्षक पात्रता परीक्षा पास अभ्यर्थियों को मिला पहला मौका है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि युवा पीढ़ी को अच्छी शिक्षा मिलने की संभावना है।
JSSC से संबंधित जानकारी जैसे प्रवेश पत्र, परिणाम, पंजीकरण तिथियां, परीक्षा कार्यक्रम, पंजीकरण फॉर्म इत्यादि पर नियमित अपडेट के लिए हमारी वेबसाइट www.vidyastudy.com पर लगातार Visit करते रहें।
हमारे WhatsApp Group में जुड़ें
Join Now
हमारे Telegram Group में जुड़ें
Join Now
शिक्षा क्षेत्र में नए परिवर्तन
इसके अलावा, राज्य में 41,453 प्रशिक्षित पारा शिक्षकों के लिए आयोजित गई आकलन परीक्षा ने शिक्षा क्षेत्र में नए परिवर्तन की राह खोली है। आकलन परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले पारा शिक्षकों के मानदेय में 10 फीसदी की बढ़ोतरी होने से यह साबित होता है कि राज्य शिक्षा में गुणवत्ता की दिशा में अग्रणी बन रहा है।
इसी कड़ी में, हाई स्कूलों में 2016 के स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति की जा रही है, जिससे सात साल बाद यह संभावना है कि इन स्कूलों में गुणवत्ता का स्तर भी बढ़ेगा। यह नया कदम राज्य में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार करने का एक प्रयास है।
विद्यार्थियों के लिए एक और अच्छी खबर है कि हाई प्लस टू स्कूलों में 310 प्रयोगशाला सहायकों की नियुक्ति का प्रक्रियात्मक समापन हो चुका है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि विद्यार्थियों को अच्छी पर्यावरण में शिक्षा मिलने की संभावना है।
राज्य में पूर्ण रूप से अंग्रेजी माध्यम में होगी पढ़ाई
राज्य सरकार ने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत उत्कृष्ट विद्यालयों की शुरुआत की है, जिससे 2030 तक राज्य में पूर्ण रूप से अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई होने की योजना है। यह एक उदाहरण है कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र में नई दिशा में कदम से आगे बढ़ रही है और विद्यार्थियों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए सकारात्मक परिवर्तन कर रही है।
इसी प्रकार, झारखंड राज्य शिक्षा क्षेत्र में बदलावों की राह पर है और यह सभी के लिए संजीवनी हो सकता है, जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा की कमी महसूस कर रहे हैं। आगे बढ़ते समय में, इस परिवर्तन के परिणाम सामाजिक और आर्थिक स्तर पर भी महसूस हो सकते हैं, जिससे राज्य को एक नए दिशा में ले जाने का संकेत हो सकता है।