JPSC झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में संशोधन, 2404 पदों पर होगी बहाली…।

जेपीएससी ने राज्य में 2404 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति प्रक्रिया की त्वरित शुरुआत की है; इसके साथ ही, राज्य सरकार ने असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता में संशोधन किया है। अब, कोरोना काल के दौरान एक जुलाई 2023 तक पीएचडी की अनिवार्यता को संबंधित निर्णय में संशोधन किया गया है। पीएचडीधारियों के लिए नेट/जेट से छूट रहेगी, जबकि नेट/जेट को असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता मानक के रूप में निर्धारित किया गया है।

इसके अलावा, राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि एसोसिएट प्रोफेसरों के कुल स्वीकृत पदों की 25 प्रतिशत पदों को प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा, जिसके लिए कम से कम तीन वर्ष की नियमित सेवा अनिवार्य है। इसी तरह, प्रोफेसरों के लिए भी कुल स्वीकृत पदों की एक चौथाई, यानी 25 प्रतिशत पद, प्रतिनियुक्ति से भरा जाएगा, जिसके लिए कम से कम चार वर्ष की नियमित सेवा आवश्यक है। प्रतिनियुक्ति के पद तभी भरे जाएंगे, जब सीधी नियुक्ति से स्वीकृत पद खाली रह जाएंगे।

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नयी नियमावली के अनुसार,

राज्य सरकार ने शिक्षकों के लिए नियुक्ति में उन शिक्षकों को प्राथमिकता दी है, जो झारखंड के बाहर के राज्य या केंद्रीय विश्वविद्यालय से जुड़े होंगे। नई नियमावली के तहत प्रतिनियुक्ति पांच वर्षों के लिए होगी, और इसे विस्तारित किया जा सकता है। प्रतिनियुक्त शिक्षकों को मूल वेतन के 10 प्रतिशत और अधिकतम नौ हजार रुपये का भत्ता भी मिलेगा। नए नियमावली के तहत, प्रतिनियुक्ति का अधिकार विश्वविद्यालय चयन समिति को होगा, और आवेदन साल भर में आमंत्रित किए जा सकेंगे। इसके अलावा, राज्य सरकार ने एसोसिएट प्रोफेसरों के लिए ओरिएंटेशन और रिफ्रेशर कोर्स की अवधि 31 दिसंबर 2023 तक बढ़ाई है, जिससे उन्हें अपनी उपाधि के क्षेत्र में और भी महार्ष्ट्र्य बनाए रखने का एक और अवसर मिलेगा।

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